उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हिंदू धर्म को लेकर ग़लत प्रचार और लोगों को लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के आरोप
में कोर्ट ने 271 लोगों के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है.
इन
271 लोगों में ज़िले के तीन पादरी हैं, बाकियों को इनका अनाम सहयोगी बताया
गया है. कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश हिंदू जागरण मंच के
कार्यकर्ता की याचिका पर दिया है.याचिकाकर्ता ब्रजेश सिंह ने आरोप लगाया था कि जौनपुर, आज़मगढ़, वाराणसी और गाज़ीपुर ज़िले में लोगों को पिछले कुछ सालों से बालदेह गांव में चर्च की प्रार्थना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
आरोप है कि चर्च में प्रत्येक रविवार और मंगलवार की प्रार्थना के बाद उन्हें हिंदू धर्म के बारे में ग़लत बातें बताई जातीं और ईसाई धर्म को अपनाने के लिए कहा जाता है.
एफ़आईआर में कहा गया है कि चर्च में पूजा के बाद अभियुक्त उन्हें नशे की प्रतिबंधित दवाइयां देते हैं और इसी दौरान उनका धर्म परिवर्तन कर उन्हें ईसाई बनाया जाता है.
ब्रजेश सिंह ने एफ़आईआर दर्ज करवाने के लिए दो अगस्त को कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, इसके बाद कोर्ट ने 31 अगस्त को मामले में एफ़आईआर दर्ज कराने के आदेश दिए.प्रीम कोर्ट गुरुवार को दो वयस्कों के बीच आपसी सहमति से बने समलैंगिक सम्बन्धों को अपराध ठहराने वाली आईपीसी की धारा-377 पर फ़ैसला सुना सकता है.
फ़ैसला सुनाने वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ में चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा भी शामिल हैं.
मौजूदा वक़्त में समलैंगिक सम्बन्धों का आरोप साबित होने पर उम्रक़ैद तक की सज़ा हो सकती है. देश के एलजीबीटीक्यू समुदाय के लोग और मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे समलैंगिकों के अधिकारों का हनन बताते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में दिल्ली हाई कोर्ट के 2009 के फ़ैसले को पलटते हुए इसे अपराध की श्रेणी में डाल दिया था.ससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर उसे मूल स्वरूप में बहाल करने के विरोध में सवर्ण समुदायों ने गुरुवार यानी 6 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है.
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में सवर्ण लामबंद हो रहे हैं. हालांकि सबसे मुखर विरोध मध्य प्रदेश में नजर आ रहा है.
एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में दलित संगठनों ने जब इसी साल 2 अप्रैल को भारत बंद बुलाया था तब सबसे ज़्यादा हिंसा मध्य प्रदेश के ग्वालियर और चंबल में हुई थी.
इसी कारण भारत बंद को देखते हुए मध्य प्रदेश के तीन ज़िलों मुरैना, भिंड और शिवपुरी में एहतियात के तौर पर धारा 144 लगा दी गई है जो 7 सितंबर तक प्रभावी रहेगी.
इसके अलावा पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और भारत बंद के मद्देनजर ग्वालियर के सभी स्कूल और कॉलेज को बंद रखने के निर्देश जारी किए हैं.
दरअसल एससी-एसटी एक्ट के मूल स्वरूप में केस दर्ज होते ही गिरफ़्तारी का प्रावधान है और साथ ही आरोपी को अग्रिम जमानत भी नहीं मिल सकेगी.म्मू-कश्मीर में आज से शुरू होगी सालाना कैलास मानसरोवर यात्रा. इस यात्रा में पहली बार श्रद्धालु हेलिकॉप्टर सेवा का इस्तेमाल करेंगे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रद्धालुओं के लिए हेलिकॉप्टर सेवा पहली बार शुरू की जा रही है जिसमें भद्रवाह से श्रद्धालु महज आठ मिनट में कैलास मानसरोवर के पास ऋषि डुल स्थित आधार शिविर पहुंच सकेंगे. हेलिकॉप्टर सेवा छह से नौ सितंबर तक सिर्फ तीन दिनों के लिए उपलब्ध होगी.
ज़िला प्रशासन के अधिकारियों ने पीटीआई को बताया कि यात्रा के लिए छड़ी करीब 13,000 फ़ुट की ऊंचाई पर स्थित भद्रवाह से कैलास कुंड में वासुकी नाग मंदिर से ली जाएगी.
श्रद्धालु उधमपुर एवं कठुआ से पैदल यात्रा करते हुए विभिन्न मार्गों से होते हुए मुख्य मंदिर कैलास कुंड पहुंचेंगे.
अमरीका ने निकारागुआ से राजनीतिक कारणों से पिछले पांच महीनों से हिरासत में रखे गए सरकार विरोधी कार्यकर्ताओं को रिहा करने का आग्रह किया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमरीकी राजदूत निकी हेली ने राष्ट्रपति डैनियल ओर्टेगा की सरकार पर लोगों के मूलभूत मानवाधिकारों को नज़रअंदाज़ करने के आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि इस अशांति से हिंसा और अस्थिरता फैली है.
हिंसा में 300 से अधिक लोगों को मारे जाने का अंदेशा है. वहीं, निकारागुआ के उप-राष्ट्रपति रोसारियो मुरियो ने कहा कि उनका देश बाहरी शक्तियों से भयभीत नहीं होगा.
हिंसा की जांच कर रहीं फ़्रांस्वा हैंपसन ने कहा कि मरे हुए लोगों की संख्या का सही अनुमान लगाना मुश्किल है.
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