Thursday, October 11, 2018

पेट्रोल का रेट 82.36 रुपए हुआ, 6 दिन में 86 पैसे का इजाफा

नई दिल्ली. पेट्रोल गुरुवार को 9 से 10 पैसे महंगा हुआ। दिल्ली में रेट 82.36 रुपए और मुंबई में 87.82 रुपए हो गया। तेल कंपनियों ने डीजल की कीमतें 27 से 29 पैसे तक बढ़ाईं। चार अक्टूबर को केंद्र ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 1.5 रुपए कम की। सरकार के निर्देश पर तेल कंपनियों ने 1 रुपया घटाया। इस तरह लोगों को 2.5 रुपए की राहत मिली। लेकिन, 6 से 11 अक्टूबर तक दिल्ली में पेट्रोल के रेट 86 पैसे बढ़ गए।
अगस्त से तेल के दाम लगातार बढ़ रहे थे। चार अक्टूबर को दिल्ली में पेट्रोल 84 और मुंबई में 91.34 रुपए हो गया। ऐसे में 5 राज्यों में चुनाव को देखते हुए केंद्र को टैक्स घटाने का फैसला लेना पड़ा। लेकिन, 6 अक्टूबर से पेट्रोल-डीजल के रेट फिर बढ़ने लगे।
तेल कंपनियां कच्चे तेल के रेट और डॉलर के मुकाबले रुपए की वैल्यू के हिसाब से हर रोज पेट्रोल-डीजल की कीमत तय करती हैं। ब्रेंट क्रूड 84 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर है। रुपया बुधवार को 74.21 पर बंद हुआ।
बेंगलुरु. आईटी कंपनी कॉगनिजेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस (सीटीएस) ने इस साल अगस्त तक 200 कर्मचारियों को निकाल दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जो कर्मचारी बाहर किए गए उनमें डायरेक्टर और उससे ऊपर की पोस्ट वाले शामिल हैं। इन सभी को तीन से चार महीने की सैलरी दी जाएगी। इस पर 259 करोड़ रुपए (3.5 करोड़ डॉलर) का खर्च आएगा। बताया जा रहा है कि नई तकनीक के माहौल में जो कर्मचारी नहीं ढल पाए उन्हें बाहर कर दिया गया।
कॉगनिजेंट ने पिछले साल 400 वरिष्ठ कर्मचारियों के लिए स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने की योजना पेश की थी। लेकिन, इस बार कंपनी ने कर्मचारियों को सीधे बाहर कर दिया।
कॉगनिजेंट का कहना है कि ग्राहकों की जरूरतों और कारोबारी लक्ष्यों को पूरा करने में हर कर्मचारी सक्षम होना चाहिए। वर्कफोर्स मैनेजमेंट स्ट्रैटजी के तहत कुछ बदलाव करने पड़े जिससे कर्मचारियों को निकालना पड़ा।
हालांकि, कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। कॉगनिजेंट के सीईओ फ्रांसिस्को डिसूजा के मुताबिक इस साल के आखिर तक कंपनी के क्लाउड वर्कफोर्स की संख्या 20 हजार से ज्यादा होने की उम्मीद है।
कॉगनिजेंट क्लाउड, एनालिटिक्स आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग जैसे तकनीकी सेक्टर में नए कर्मचारियों की भर्ती पर जोर दे रही है। इस साल जून में कंपनी के कर्मचारियों की कुल संख्या 2 लाख 68 हजार 900 थी। यह पिछले साल जून के मुकाबले 12,100 ज्यादा है।
मुंबई. शेयर बाजार में गुरुवार को भारी गिरावट आ गई। सेंसेक्स 1,000 और निफ्टी 300 अंक लुढ़क गया। हालांकि, निचले स्तरों से सेंसेक्स में 350 और निफ्टी में 110 अंक का सुधार हुआ। शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स में शामिल 31 में से 30 शेयरों में गिरावट आई। निफ्टी की 50 कंपनियों में से 45 के शेयरों में नुकसान दर्ज किया गया। अमेरिका और एशियाई बाजारों की गिरावट से भारतीय बाजार में सेंटीमेंट बिगड़ गए।
टाटा स्टील और एसबीआई के शेयर 5% लुढ़क गए। वेदांता, इंडसइंड बैंक और इन्फोसिस में करीब 4% गिरावट आई। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 3.3% टूट गया। रियल्टी, आईटी, मेटल और बैंकिंग इंडेक्स में 4% तक गिर गए।
अमेरिकी शेयर बाजार की गिरावट का असर सभी एशियाई बाजारों पर पड़ा है। जापान का इंडेक्स निक्केई गुरुवार को 3.41% गिर गया। हॉन्ग कॉन्ग का हेंगसेंग 3.53% लुढ़क गया। सिंगापुर के बाजार में 2.64% गिरावट आई।
अमेरिकी डाओ जोंस बुधवार को 3.15% की गिरावट के साथ बंद हुआ। यह फरवरी 2018 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। कारोबारियों के मुताबिक अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से वहां के बाजार दबाव में हैं। अमेरिका-चीन से बीच ट्रेड वॉर से भी निवेशकों में चिंता है।
डॉलर के मुकाबले रुपया भी 74.47 के सबसे निचले स्तर पर फिसल गया। जनवरी से रुपए में लगातार गिरावट का दौर बना हुआ है। इस साल यह 17% कमजोर हो चुका है।